उत्तरायणी मेले
के साथ शीतकालीन उत्सव का आनंद लें


शुभकामना संदेश
मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है कि उत्तरायणी जनकल्याण समिति द्वारा दिनांक 09 से 11 जनवरी, 2025 तक बरेली में 29वां उत्तरायणी मेला आयोजित किया जा रहा है।
समाज व क्षेत्र की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक, कला एवं साहित्य सम्बन्धी विरासत के संरक्षण तथा संवर्धन में मेले और महोत्सवों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संस्कृति, साहित्य, कला व शिल्प आदि के प्रदर्शन, संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से उत्तरायणी मेला का आयोजन एक सराहनीय प्रयास है।
जनपद बरेली में उत्तरायणी मेला का आयोजन उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखण्ड राज्यों की साझा विरासत और संस्कृति को विस्तार देने वाला आयोजन भी है। मुझे आशा है कि आयोजन में समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी से सामाजिक समरसता एवं सौहार्द में वृद्धि होगी ।
उत्तरायणी मेला के सफल आयोजन हेतु मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
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उत्तरायणी महोत्सव के बारे में
बरेली शहर में उत्तराखण्ड शोध संस्थान के बैंनर तले एक विचार कौंधा और विचार समस्त पर्वतीयों को एक छत पर लाने का प्रयास उस प्रयास के बीजारोपण का कार्य डा पी.सी. सनवाल जी, श्री अरविन्द बेलवाल जी, श्री पी.एस. बोरा जी, श्री प्रकाश चन्द्र जोशी, श्री अम्बा दत्त जोशी, श्री यू.डी. बैला जी, श्री डी.डी. पाण्डेय के मन में कौधा और उत्तरायणी पर्व मनाने का प्रयास किया गया। सर्वप्रथम संजय कम्प्यूनिटी हॉल में तीन घंटे का मेला आयोजित किया गया|
बरेली शहर में उत्तराखण्ड शोध संस्थान के बैंनर तले एक विचार कौंधा और विचार समस्त पर्वतीयों को एक छत पर लाने का प्रयास उस प्रयास के बीजारोपण का कार्य डा पी.सी. सनवाल जी, श्री अरविन्द बेलवाल जी, श्री पी.एस. बोरा जी, श्री प्रकाश चन्द्र जोशी, श्री अम्बा दत्त जोशी
—- अमित
कुमार पन्त (अध्यक्ष)
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उत्तरायणी मेला बरेली
मेले के आकर्षण
बरेली शहर में उत्तराखण्ड शोध संस्थान के बैंनर तले एक विचार कौंधा और विचार समस्त पर्वतीयों को एक छत पर लाने का प्रयास उस प्रयास के बीजारोपण का कार्य डा पी.सी. सनवाल जी, श्री अरविन्द बेलवाल जी, श्री पी.एस. बोरा जी, श्री प्रकाश चन्द्र जोशी, श्री अम्बा दत्त जोशी
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पर्वतीय लोक सांस्कृतिक, लोक कला, लोक साहित्य आदि पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम | -
लोक साहित्य, लोक कला, लोक संस्कृति व प्रमुख संस्थानों की जानकारी जन-जन तक पहुँचाने हेतु स्मारिका का प्रकाशन । -
दुलर्भ जड़ी-बूटियों, हस्त शिल्प के स्टाल । -
उत्तराखण्ड की प्रसिद्ध बाल मिठाई, सिंगौड़ी एवं आँवला से निर्मित मिठाई के सुसज्जित स्टाल । -
बाँस, लहसुन का अचार, स्वास्थ्यवर्धक बुरांश के फूल का शर्बत ।
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मडुवा के बिस्कुट, नमकीन, अत्याधिक प्रोटीन युक्त भट्ट की दाल, पथरी के मरीजों के लिए गहत की दाल आदि अनेकों अनेक खाद्य वस्तुऐं । -
बरेली महानगर के मनोहारी हस्तशिल्प स्टाल । बच्चों के लिए ” आकर्षक झूले” । -
बरेली महानगर के मनोहारी हस्तशिल्प स्टॉल | -
उत्तराखण्ड की प्रसिद्ध बाल मिठाई, सिंगौड़ी एवं आँवला से निर्मित मिठाई के सुसज्जित स्टाल । -
बच्चों के लिए “आकर्षक झूले” |
उत्तरायणी मेला बरेली
मेले के आकर्षण
बरेली शहर में उत्तराखण्ड शोध संस्थान के बैंनर तले एक विचार कौंधा और विचार समस्त पर्वतीयों को एक छत पर लाने का प्रयास उस प्रयास के बीजारोपण का कार्य डा पी.सी. सनवाल जी, श्री अरविन्द बेलवाल जी, श्री पी.एस. बोरा जी, श्री प्रकाश चन्द्र जोशी, श्री अम्बा दत्त जोशी
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पर्वतीय लोक सांस्कृतिक, लोक कला, लोक साहित्य आदि पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम | -
लोक साहित्य, लोक कला, लोक संस्कृति व प्रमुख संस्थानों की जानकारी जन-जन तक पहुँचाने हेतु स्मारिका का प्रकाशन । -
दुलर्भ जड़ी-बूटियों, हस्त शिल्प के स्टाल । -
उत्तराखण्ड की प्रसिद्ध बाल मिठाई, सिंगौड़ी एवं आँवला से निर्मित मिठाई के सुसज्जित स्टाल । -
बाँस, लहसुन का अचार, स्वास्थ्यवर्धक बुरांश के फूल का शर्बत ।
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मडुवा के बिस्कुट, नमकीन, अत्याधिक प्रोटीन युक्त भट्ट की दाल, पथरी के मरीजों के लिए गहत की दाल आदि अनेकों अनेक खाद्य वस्तुऐं । -
बरेली महानगर के मनोहारी हस्तशिल्प स्टाल । बच्चों के लिए ” आकर्षक झूले” । -
बरेली महानगर के मनोहारी हस्तशिल्प स्टॉल | -
उत्तराखण्ड की प्रसिद्ध बाल मिठाई, सिंगौड़ी एवं आँवला से निर्मित मिठाई के सुसज्जित स्टाल । -
बच्चों के लिए “आकर्षक झूले” |
महत्वाकांक्षी योजना
उत्तराखंड भवन बरेली
मेला छवियाँ





















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